आंख क्या है?

आंख एक महत्वपूर्ण ज्ञानेंद्रिय है जो हमारे शरीर के अंदर स्थित होता है। यह एक अत्यंत संवेदनशील अंग होता है जो हमें दुनिया के बाहर के वस्तुओं, रंगों, आकारों और संरचनाओं को देखने में मदद करता है। यह हमारी परिसंचार व्यवस्था और एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।



आंख एक विशेष प्रकार का अंग होता है जो उत्तेजित होने पर संक्रमण को रोकने के लिए एक तरफ से एक दरवाज़ा और एक तरफ से एक उत्सुकता ग्रंथि के रूप में काम करता है। इसके अलावा, यह उत्तेजित होने पर न्यूरोन्स द्वारा जीवाणु ग्रंथि में आवेदन की प्रेरणा करता है जो फिर शरीर के अन्य भागों में संक्रमण रोकने के लिए न्यूरोनल संचार को बढ़ाती है।






आंखों के रोगों का लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपचार

आंखों के रोग का लक्षण

आंख में दर्द की समस्या रहना, रात के समय कम दिखाई देना ,आंखों में चुभन या पानी आना ,साफ और स्पष्ट न दिखना,आंखों का नज़र कम, आंखों की गंभीर बीमारियों की लक्षण हैं, इसे हम नजर अंदाज नहीं करना जाना चाहिए।

आंखों के रोग का कारण

  • अधिक अंधकार में रहना
  • अधिक धूल-मिट्टी वाली जगहों में रहना
  • खराब खान-पान और अन्य अस्वस्थताएं
  • एलर्जी
  • वायु प्रदूषण
  • लंबी समय तक कंप्यूटर और मोबाइल फोन का उपयोग करना
  • समय पर देखभाल न करना
  • संक्रमण या जीवाणु लगना
  • अन्य गंभीर रोगों की वजह से नेत्र रोग होना.

आंखों के रोगों के आयुर्वेदिक उपचार

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए

  • इन्द्रवरणा (बड़ी इन्दफला) के फल को काटकर बीज निकाल ले। इन्द्रवरणा के फांक को रात्रि में सोते समय लेटकर आंखों के ऊपर लालट पर बांध दें। ध्यान रखें कि इसका पानी आंखों के अंदर जाने न पाए। बहुत ही सावधानी से करें।
  • त्रिफला चूर्ण को पानी में रातभर भिगोकर , सुबह उठते ही छानकर उस पानी से आंखों को धोएं।

रात में कम दिखाई देने पर

  • बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने से और बेलपत्र का रस 3 से 5 बुन्द आंखों पर आंजने से।
  • श्याम तुलसी के पत्तों का 2 से 3 बुंद रस आंखों पर डालने से। इससे आंखों का पीलापन भी मिटता है।
  • जीरा,कपास और आंवल के सामान मात्रा में पत्ते लेकर, पीसकर सिर पर 21 दिनों तक पट्टी बांधने से।

आंखों में पीला पड़ने पर

  • रात में सोते समय अरंडी का तेल या शहद आंखों में डालने से।
आंखों की लालिमा :-
  1. ऑवले के पानी से आँखें धोने से या गुलाबजल डालने से|
  2. जामफल के पतों की पुल्टिस बनाकर (20 से 25 पत्तों को पीसकर, टिकिया जैसी बनाकर, कपड़े में बॉधकर) रात्रि मैं सौतें समय ऑख पर बॉधने से आँखों का दर्द मिटता हैं, सूजन और वैदन दूर होती है। 
  3. हल्दी को उली को तुअर की दाल मैं उबालकर, छाया मैं सुखाकर, पानी मैं चिसकर सूर्यास्त से पूर्व दिन मैं दौ बार आँख में ऑजने से आँखों की लालिमा, झामर एवं फूली में लाभ होता है।

आँखों कालापनः- 

  • आँखों के नीचे के काले हिस्से पर सरसों के तेल की मालिश करने से तथा सूखे ऑवले एवं मिश्री का चूर्ण समान मात्रा में से 5 ग्राम तक सुबह-शाम पानी के साथ लेने से आँखों के पास के काले दाग दूर होते हैं।

ऑखों की गर्मी या आँख आने परः-

  • नींबू एवं गुलाबजल का समान मात्रा का मिश्रण एक-एक घण्टे के अंतर से आँखों मैं डालने से एवं हल्का- हल्का सेंक करते रहने से एक दिन मैं ही आयी हुई आँखें ठीक होती हैं।

आंख में कचरा जाने पर

  • लगभग 100 मिली.पानी में एक नींबू का रस डालकर आंखों को धोने से।

गर्मी वजह से आंखों के दुखने पर

  • लौकी कद्दूकस करके आंख में पट्टी बांधने से लाभ होता है

आंखों से पानी बहने पर

  • आंखें बंद करके पलकों पर नीम की पत्तियों की लुगदी रखने से लाभ होता हैं।
  • रोज जलनेति करें। 15 दिनों तक उबले हुए मुंग ही खाएं। त्रिफला गुगल 3-3 गोली दिन में तीन बार चबा-चबाकर खाएं।और बोरिक पाउडर के पानी से आंखों को धोने से लाभ होता है।

सर्व प्रकार आंखों के रोग के लिए,

  • पैरों के तलवे और अंगुठे को सारसों तेल से रोजना मालिश करने से नेत्र रोग नहीं होते हैं।
  • हरड़ बहेड़ा और आंवला तीनों को समान मात्रा मिलाकर चुर्ण को 2 से 5 ग्राम मात्रा को घी और मिश्री के साथ कुछ महीने के सेवन से नेत्र रोग में लाभ होता है।

आंखों को स्वास्थ्य रखने के उपाय health tips

  • नियमित आंखों की व्यायाम: नियमित आंखों की व्यायाम करना आंखों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे आपकी आंखों का दबाव कम होता है और आंखों की मांसपेशियों का प्रभावित होने से बचा जा सकता है।
  •  नियमित नींद: समय-समय पर नींद पूरी करने से आंखों की सेहत के लिए बहुत लाभ होता है। यदि आप अपनी आंखों की समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आपको अधिक समय तक अपनी आंखों को बुझे रखने से बचना चाहिए।
  • संभावित ऑप्टिकल सुधार: आंखों की समस्या होने पर उसे समाधान के लिए ऑप्टिकल सुधार की जरूरत होती है। यदि आप चश्मा लगाते हैं, तो नियमित रूप से चश्मे की आवश्यकता का अंदाजा लगाना चाहिए।
  • पौष्टिक आहार: स्वस्थ आंखों के लिए, आपको पौष्टिक आहार लेना चाहिए। इसमें सब्जियां, फल, अंडे, मछली और शक्कर का उपयोग शामिल होता है।आहार में विटामिन ए, सी और ई का सेवन करें - आपकी आंखों की सेहत के लिए विटामिन ए, सी और ई का सेवन बहुत जरूरी है। इन विटामिनों को आप सब्जियों, फलों, दूध और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों से प्राप्त कर सकते हैं।
  • अपनी आंखों को आराम दें: अपनी आंखों को नियमित आराम देना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपनी आंखों को लंबे समय तक एक ही स्थिति में रखने से बचना चाहिए।
  • नियमित रूप से आंखों को धोएं: अपनी आंखों को नियमित रूप से धोना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपकी आंखों को साफ रखने से आंखों के कई संभवित संक्रमणों से बचा जा सकता है।
  • अ अपनी आंखों को टायर्ड न होने दें पनी आंखों को टायर्ड न होने दें - आपकी आंखें लंबे समय तक टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर या पुस्तकों के सामने रहने से टायर्ड हो जाती हैं। अपनी आंखों को टायर्ड न होने दें, और नियमित अंतरालों पर आपकी नजर के दूरी को बदलते रहें।

इन उपायों से आंखों को रोगों के होने से बच सकते हैं।