बार-बार उल्टी होने पर जल्द से जल्द उपचार नहीं किया तो मनुष्य के लिए खतारनाक साबित हो सकता हैं।
उल्टी के आयुर्वेद उपचार,इनमें से किसी एक उपाय का प्रयोग करके उल्टी होने पर उपचार कर सकते हैं।
👉 नींबू का शर्बत पीने से।
👉सोडे का पानी लेने से
👉तुलसी के पत्ते 2से 10 मि .ली. रस में उतने ही मिश्री या शहद मिलाकर पीने से लाभ होता हैं।
👉 प्याज़ का रस 2 से 10 मि.ली.पिलाने से उल्टी में लाभ होता है।
👉 धनियापत्ती या अनार का रस थोड़ी थोड़ी देर पीने से उल्टी बंद होने लगती हैं।
दस्त होने परदस्त के होने पर निम्न लक्षण को देखने को मिलता है।
दस्त के लक्षण:-पानी जैसा मल जाना,बुखार होना,बार-बार मल त्यागना,शरीर का वजन घटना,शरीर के पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,उल्टी,पेट में ऐंठन आदि लक्षण हो सकते हैं।दस्त का आयुर्वेदिक उपचार
इनमें से किसी एक का प्रयोग करके उपचार कर सकते हैं।
👉भुमि आंवला के पौधे पत्ते सहित पीसकर 4 या 5 चम्मच रस निकाल के पीये।
👉1 से 2 ग्राम सौंठ का पाउडर को 2 से 10 ग्राम शहद के साथ मिलकर देना।
👉तुलसी के पांचांग( जड़,पत्ती, मंजरी, बीज, डाली ) का काढ़ा देने से।
👉प्याज़,अदरक और पुदीने प्रत्येक के 2 से 5 मि.ली. रस में 1 से 2 ग्राम नमक के साथ देने से।
👉आम की गुठली की गिरी का 4 से 5 ग्राम चूर्ण शहद के साथ देने से।
👉 जामुन के पेड़ की पत्तियां (न ज्यादा मुलायम न पकी हुई हो ) लेकर पीस लें। उसमें ज़रा सा सेंधा नमक मिलाकर गोली बना लें।एक एक गोली सुबह शाम लें।
👉उपवास हर प्रकार के दस्त में अत्यंत लाभदायक है।
बच्चों को दस्त होने पर आयुर्वेदिक उपचार
👉जायफल या सोंठ इनमें से या दोनों का मिश्रण पत्थर में पानी के साथ घिसकर देने से।
👉1ग्राम खसखस पीसकर 10 ग्राम दही में मिलाकर देने से।
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